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लोक मंडई के नाम पर डोंगरगांव क्षेत्र को किसने लूटा? पिछले 10 सालों मे विकास के नाम पर गड़े रहे नाम का खूँटा?

लोक मंडई के नाम पर डोंगरगांव क्षेत्र को किसने लूटा?
पिछले 10 सालों मे विकास के नाम पर गड़े रहे नाम का खूँटा?

राजनांदगांव/ डोंगरगांव// क्षेत्र का विकास तभी संभव है जब दरवाजा नहीं दिल खुला होना चाहिए शास्त्रों में भी लिखा है “राजायाम् प्रजायाम हितेन् कुर्वंती, तह राजनाः प्रसीदती”
अर्थात जो मुखिया अपने जनता के भला करने का चिंतन करता है प्रजा को चाहिए उसी राजा को प्रसन्न करने का काम करना चाहिए l डोंगरगांव विधानसभा में जब से दलेश्वर साहू विधायक के रूप में पदासीन हुए हैं तभी से करोड़ों रुपए खर्च करके लोक मंडई का कार्यक्रम निरंतर कराया गया लेकिन क्षेत्र के जनता को इस लोक मंडई कार्यक्रम का कोई फायदा नजर नहीं आया बल्कि झूठी वादों पर झूठी आश्वासनों के आधार के साथ क्षेत्र के जनता को लूटने का काम किया गया है कांग्रेस की सरकार में हुई लोक मंडई कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री रवींद्र चौबे अपने आगमन के दौरान डोंगरगांव में कृषि विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा की थी जो आज तक पूरी नहीं हो पाई, महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने अपने आगमन के दौरान ग्रामो में आंगनबाड़ी भवन, व परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने डोंगरगांव में नये सर्किट हाउस निर्माण करने की घोषणा की थी जो आज तक पूरी नहीं हो पाई l

डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्‍याशी दलेश्वर साहू को क्षेत्र के जनता काफी विरोध का सामना करना पड़ रहा है । दलेश्वर साहू को टिकट दिए जाने के विरोध में आदिवासी समुदाय द्वारा हमर राज पार्टी के माध्यम से आदिवासी उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है। साथ में दो जनपद सदस्य वह एक लोधी समाज के अध्यक्ष भी मैदान में है। जो एक दूसरे के गले में गमछा डालकर अभी नहीं तो कभी नहीं का नारा लगाते हुए पिछले 10 सालों का हिसाब किताब बताते हुए दलेश्वर साहू को विधानसभा से उखाड़ फेंकने के लिए मतदाताओं के पास निवेदन कर रहे हैं l
लोगों का कहना है विधायक जी का जनता से वादा बस वादा ही रह गया जिस वादे ने विधायक दलेश्वर साहू को विधायक के कुर्सी तक पहुंचाया आज उसी जनता में खासी नाराजगी है l
सेक्‍टर और बूथ के पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं में जोश फिसड्डी दिखाई दे रहा है इसके पीछे का कारण लोगों ने बताया कि पिछले 10 सालों में विधानसभा में भ्रष्टाचार व दलाली चरम सीमा को पार कर ली है गोधन न्‍याय योजना, गौमूत्र खरीदी योजना, गौठान योजना के फर्जीवाड़ा तथा अपने लोगों को लाभ पहुंचाने का काम का असर चुनावी अभियान में साफ दिखाई दे रहा है ।

डोंगरगांव विधानसभा में बीज निगम में किसानों के नाम पर भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है जहां किसानों के साथ दलाली करके हाइब्रिड बीज के नाम पर रजिस्ट्रेशन करवा के जिन खेतों में धान बोया गया उन खेतों से भी दलालों के जरिए चना का भी पैसा निकाल लिए हैं l सूत्रों के माने तो विधायक दलेश्वर तुमडीबोड क्षेत्र के विकास के विरोधी है इसलिए कई सालों से मांग किए जाने के बावजूद महाविद्यालय की स्थापना आज तक नहीं हो पाई और तुमडीबोड के जगह अन्य स्थानों के सिफारिश करते रहे l
क्षेत्र के सड़क जर्जर है स्कूल की बेहाली किसी से छुपा नहीं है बावजूद विधायक अपने लिए सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रुपए का निवास स्थान के बाजू मे व्यायाम शाला बनाकर रखे हैं l जो विधायक के लिए गले की हड्डी व गले का फांस बन चुका है l

डोंगरगांव विधानसभा मूल रूप से कांग्रेसियों का गढ़ रहा है जहां कांग्रेस पार्टी ने लगातार जीत हासिल करते रहे है l इसके पीछे मूल रूप से आदिवासी समाज का बड़ा सहयोग दिखाई देते रहा है l लेकिन इस बार के चुनाव में कुछ नया समीकरण ने अपना दस्तक दे दी है जिससे कांग्रेस पार्टी को भारी नुकसान होने की संभावना दिखाई दे रहा है l जिसका फायदा बीजेपी को हो सकता है l सरकारी आंकड़ों को माने तो लगभग 2 लाख मतदाता वाले इस विधानसभा में 73000 मतदाता केवल आदिवासी समाज से है वही 38000 मतदाता साहू समाज से और 28000 मतदाता लोधी समाज से हैं जो पूरी तरह चुनावी समीकरण को बदलने बिगाड़ने में अपना प्रभाव दिखा सकते हैं l पिछले 10 चुनाव का आकलन करें तो लगातार जहां पांच बार कांग्रेस पार्टी से गीता देवी सिंह ने चुनाव मे जीत हासिल की, वही दो पंचवर्षीय में तीन बार भाजपा के उम्मीदवारों ने भी अपनी जीत हासिल की थी उसके बाद से लगातार दो बार फिर कांग्रेस पार्टी ने अपनी विरासत को सुरक्षित रखने में कामयाब रहा लेकिन इस जीत के लिए आदिवासी समाज का एक बड़ा योगदान रहा इन संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता जहां आदिवासी समाज जो हमेशा कांग्रेसी चेहरा माने जाते रहे हैं l लेकिन स्थानीय विधायक के बर्ताव व व्यवहार से परेशान मतदाता इस बार क्षेत्र से कांग्रेस को उखाड़ फेंकने के लिए कमर कसते दिखाई दे रहे हैं l पिछले 10 सालों के कार्यकाल में विवादों का सुर्खियों में रहा विधायक अपने बेबाक बोली वचन के लिए भी प्रसिद्ध रहा है जहां अवैध शराब की नदियां, रेतो की अवैध उत्खनन लगातार ठेको व कमीशन बाजी में चलता रहा है वही स्थानीय लोगों के खिलाप कार्रवाई भी जमकर हुई है जिसे लेकर भारी विरोधों का आवाज गूंज रही है और तो और कांग्रेस की सरकार से नाराज समाज इस बार का समीकरण को बदलने के लिए सामाजिक ताना – बाना के साथ मैदान में उतर आए हैं l जिससे कांग्रेस को भारी नुकसान व भाजपा को फायदा होने साथ त्रिकोणीय चुनाव होने की संभावना भी प्रबल हो गई है l

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