*शहर के युवा अंश खंडेलवाल की मौत का रहस्य पुलिस को करना होगा सार्वजनिक।*
राजनांदगांव// अकस्मात लगभग एक माह पहले शहर के जाने माने व्यापारी परिवार का बच्चा अंश खंडेलवाल घर से बिना कुछ बताएं गायब हो गया जिसे लेकर परिवारजन तत्काल पुलिस का दरवाजा खटखटाए जहां काफी मशक्कत के बाद लगभग 11:00 बजे रात्रि को शहर के ही फरहद चौक के पास उक्त बच्चा के द्वारा उपयोग की जाने वाली गाड़ी मिल गई लेकिन मौके पर बच्चा नहीं मिला जिसे लेकर पुलिस विभाग ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली i विभाग के द्वारा लगातार खोजबीन के बाद 8 दिन बाद जहां गाड़ी मिली थी वहीं से कुछ दूरी पर गुमशुदा बच्चे की चेहरा देखने से पहचान खो देने वाली आधी जली लाश मिली लेकिन मौके पर मिली गाड़ी की चाबी व मोबाइल से उक्त शव की पहचान की गई जिसकी सूचना मिलते ही परिवार जनों के साथ पूरा शहर हतप्रभ हो गए i
उक्त मामले को लेकर पुलिस विभाग इसे आत्महत्या बता रहे हैं वही परिवारजन इस घटना को हत्या मान कर पुलिस विभाग के बड़े अधिकारियों को लिखित शिकायत करके उक्त मामले में पारदर्शी जांच की मांग की है व उक्त घटना में संलिप्त हत्यारो को तत्काल गिरफ्तार कर न्याय की मांग की है i लेकिन उक्त घटना को लगभग एक माह बीत जाने के बाद भी पुलिस विभाग अब तक घटना होने के कारण को जांच नहीं कर पाई है, जिसे लेकर परिवारजन संतुष्ट हो सके और अब परिवारजन उक्त घटना को लेकर हत्या की आशंका बताते हुए पुलिस के सुस्त रवैये से परेशान होकर शहर के सामाजिक व व्यापारिक संगठनों से न्याय की मांग पर सहयोग की अपील किये जिसके तहत व्यापारी एसोसिएशन के तत्वाधान मे गंज लाइन स्थित दिगंबर भवन में बैठक रखी गई i जहां व्यापारी एसोसिएशन के साथ अनेक सामाजिक संगठन व शहर के गणमान्य नागरिक तथा राजनीतिक दलों के जिम्मेदार लोग शामिल होकर उक्त मामले में पुलिस विभाग की जांच को लेकर भारी नाराजगी जाहिर करते हुए पुलिस विभाग से तत्काल जांच की मांग की है तथा जल्द ही जांच नहीं किए जाने पर आंदोलन होने की भी बिगुल फूंक दिए हैं व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष शरद अग्रवाल ने उक्त घटना को लेकर भारी अफसोस जाहिर करते हुए उक्त मामले में न्याय नहीं मिलने तक दुकान में नहीं बैठने का ऐलान भी कर दिए हैं वहीं शहर के सभी दुकानदारों व सामाजिक संगठनों से जल्द ही आंदोलन के लिए तैयार रहने की अपील की है, सबसे बड़ी बात तो यह है कि पुलिस के तमाम आला अधिकारियों के जमे रहने से भी आखिर पर्दा किसी हत्या और आत्महत्या को लेकर ढका रहे उसको आखिर उजागर कौन और कब करेगा। यही ढीले रवेये के कारण अनेकों बार पुलिस को शर्मिंदगी की जहमत उठानी पड़ती रही है।