https://youtu.be/Wel-hP3pIyQ?si=MHnaIPUP0YnitDMj
डोंगरगांव// जनपद क्षेत्र के एक ग्राम पंचायत बमहनी भाटा में सरपंच नहीं सचिव नहीं बल्कि एक पंच ने पैसे लेकर सरकारी सड़क में लगे गाँव के सड़क किनारे लगे हरे-भरे पेड़-पौधों को काट कर बेच दिए। जिनकी जानकारी ना तो शासन-प्रशासन को दी गई है, न ही हलके के पटवारी को। राजस्व विभाग पेड़ों की कटाई से अनभिज्ञ हैं।
उल्लेेखनीय है कि अरसीटोला से टप्पा जाने वाली मार्ग पर शीशम, बबूल, रिया आदि प्रजाति के पेड़-पौधे पर्यावरण को बचाने के लिए रोपे गए हैं। किंतु, पर्यावरण सुरक्षा की अनदेखी कर गांव के कुछ लोगों के साथ मिली भगत करके पेड़-पौधों को बिना किसी के अनुमति लिए बगैर काट कर बेच दिये। लगभग 20 से 25 हरे-भरे पेड़ों को पंच जीवन ने काट डाला है। हरे-भरे पेड़ ठुंठ में बदल गया है। पंचायत के सचिव से बात करने पर पता चला की उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है और ना ही इस मामले की कोई पैसा स्थानीय पंचायत में जमा हुआ है बावजूद स्थानीय कार्यालय पंचायत बमहनी भाटा के नाम से काटे गए रसीद जाँच का विषय है l स्थानीय नागरिक ने कलेक्टर,तथा एस डी एम को शिकायत कर जाँच व कार्यवाही की माँग की है
स्थानीय अधिकारियों को पेड़ कटाई होने की जानकारी नही है मजदूरों ने बताया कि लकड़ी काटकर कंहा ले जा रहे हैं नही मालूम। पंच जीवन ने हमें पेड़ काटने के लिए कहा है। लकड़ी भरे वाहन का नंबर सीजी 04 जे 3215 टाटा मॉडल था।अनुविभागीय अधिकारी के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार लकड़ी दो प्रकार की होती है। इमारती व गैर इमारती। इमारती लकड़ी काटने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है। उक्त संबंध में सरकार की अनुमति के बिना पेड़ को कटाना अपराध है। भारतीय वन कानून 1927 के अनुसार सेक्शन 68 के अंतर्गत पर्यावरण कोर्ट में मामला दर्ज हो सकता है। इसमें पेड़ों की चोरी, पर्यावरण को नुकसान पहुंचने और प्रदूषण एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है।